नोटबंदी के बाद से अब तक ब्लैकमनी पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने 2.24 लाख कंपनियां बंद की है। ये कंपनियां 2 साल या उससे अधिक वक्त से एक्टिव नहीं थीं।
56 बैंकों से मिले डाटा के आधार पर सरकार ने 2.24 लाख कम्पनियों को बंद किया है। जिनमें ज्यादातर शैल कम्पनी होने की शंका है।
प्रारंभिक जांच के मुताबिक, नोटबंदी के बाद 35,000 कम्पनियों ने 58,000 खातों से 17,000 करोड़ तक का लेन-देन किया है।
सरकार ने ऐसे कई खातों की पहचान की है जिसमें नोटबंदी के पहले निगेटिव बैलेंस थे, पर नोटबंदी के बाद इन खातों में करोड़ों का लेन-देन हुआ।
फर्जी डायरेक्टर्स पर लगाम लगाने के लिये बनाये गये नए नियम के तहत्, डायरेक्टर्स आईडेंटिफिकेशन नम्बर (डीआईएन) हेतु आवेदन करते वक्त PAN और आधार की बायोमैट्रिक मैचिंग की जायेगी।
कम्पनी एक्ट के तहत् जो कम्पनियां लगातार 3 साल की बैलेंस शीट प्रस्तुत करने में असमर्थ रही, उनके 3 लाख से भी ज्यादा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को अयोग्य घोषित किया। ऐसे भी 3,000 डायरेक्टर्स का पता लगाया है जो 20 से भी ज्यादा भिन्न कम्पनियों में डायरेक्टर थे।