रिजर्व बैंक के नए गवर्नर का नाम फाइनल हो गया है। रघुराम राजन के बाद उर्जित पटेल इस पद को संभालेंगे। फिलहाल उर्जित रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर थे और उनका नाम गवर्नर की रेस में सबसे आगे चल रहा था। वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 24वें गवर्नर होंगे।
पटेल के नाम की घोषणा किए जाने का सभी ने स्वागत किया है। रिजर्व बैंक के डेप्युप्टी गवर्नर एस.एस. मूंदड़ा ने कहा है कि उर्जित पटेल के रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने से बेहतर निरंतरता बनी रहेगी। उन्होंने पटेल को स्पष्ट विचारों वाला व्यक्ति बताया जो कुछ बदलाव ला सकते हैं। मूंदड़ा ने कहा, ‘हम सभी बहुत प्रसन्न हैं। साथ में काम करने की वजह से उनके साथ बेहतर मेलजोल और निरंतरता बनी रहेगी। उन्हें इस बात की बेहतर समझ है कि क्या चल रहा है।’
मूंदड़ा ने कहा, ‘पटेल लगातार रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यों में शामिल रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर उनके स्पष्ट विचार रहे हैं। कोई भी नया प्रमुख जब आता है तो उसके अपने विचार होते हैं। कुछ नया हो सकता है, कुछ प्रक्रियाएं भी बदल सकतीं हैं। किसी भी बदलाव में यह सामान्य बात है। हम बेहतर निरंतरता की उम्मीद लगा रहे हैं और इससे काफी संतोष मिलता है।’
भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘मौद्रिक नीति की रूपरेखा में मुद्रास्फीति लक्ष्य तय किए जाने के मामले को संस्थागत रूप देने के मुद्दे पर पटेल की काफी संलिप्तता रही है। उनकी नियुक्ति से रिजर्व बैंक और सरकार के स्तर पर नीतियों की दिशा में निरंतरता का संकेत मिलता है।’
इससे पहले रिजर्व बैंक गवर्नर पद की दौड़ में भट्टाचार्य का नाम भी लिया जा रहा था। रिजर्व बैंक के पूर्व डेप्युटी गवर्नर के.सी. चक्रवर्ती ने भी केंद्रीय बैंक की नीतियों में निरंतरता पर जोर दिया। रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर पटेल की नियुक्ति पर चक्रवर्ती ने कहा, ‘जो हुआ है वह सबसे बेहतर हुआ है। वह सक्षम हैं और काम पूरा करेंगे।’ उल्लेखनीय है कि राजन ने ही हाल में कहा था कि कई कार्य अभी अधूरे हैं।
नए गवर्नर उर्जित आरबीआई में राजन से पहले आ गए थे। जानकारी के मुताबिक उनका कार्यकाल इसी साल जनवरी में तीन साल के लिए बढ़ाया गया था। उन्होंने आरबीआई 2013 में जॉइन किया था। जनवरी 2013 से वह आरबीआई में मॉनिटरी पॉलिसी, इकनॉमिक रिसर्च और फाइनेंशियल मार्केट के इंचार्ज हैं।
राजन और उर्जित दोनों वॉशिंगटन में साथ काम कर चुके हैं। आरबीआई का गवर्नर रहते हुए रघुराम राजन का सरकार के साथ आर्थिक नीतियों पर विवाद सामने आया था। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने खुले तौर पर राजन की नीतियों की आलोचना की थी और कहा था कि उनको दूसरा टर्म देने से सरकार नुकसान में रहेगी।
52 साल के उर्जित बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह IDFC में एग्जिक्युटिव डायरेक्टर रहे हैं। पटेल ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल हैं। इसके अलावा, येल यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में डॉक्टरेट उर्जित भारत की मंहगाई दर टारगेट के आर्किटेक्ट और रेट-सेटिंग पैनल के सदस्य भी रहे हैं। वह 1990 से 1995 के बीच IMF के साथ भी काम कर चुके हैं। वहां उन्होंने, अमेरिका, भारत, बहमास और म्यांमार डेस्क संभाली थीं। वह IMF से 1996-97 के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में डेप्युटेशन पर आए थे। इसके बाद 1998 से 2001 के बीच वह वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सलाहकार के तौर पर भी रहे थे।