केंद्रीय सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पहली मई के बाद देश मे किसी भी मंत्री या अफसर को अपनी गाड़ी पर बत्ती, लाल या नीली, लगाने का अधिकार नहीं है। इस निर्णय में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी मंत्री या अधिकारी इनमे अपवाद नहीं हैं। यहाँ तक कि राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री व चीफ़ जस्टिस भी अपवाद नहीं हैं।
देश को इस निर्णय की सूचना स्वयं प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ट्वीट कर के दी। उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि ‘हर एक भारतीय स्पेशल है, हर एक भारतीय एक VIP है. यह कदम तो कई वर्षों पहले ले लिया जाना चाहिए था. ख़ुशी है कि आज एक मजबूत शुरुवात की गयी है।‘
इस नियम का अपवाद केवल इमरजेंसी सर्विस गाड़ियां जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां होंगी।
यह सुझाव रोड ट्रांसपोर्ट मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा तीन वरिष्ट मंत्रियों से विनिमय के बाद रखा गया था।
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने बताया कि रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय इस विषय में दिए गए लिखित प्रावधानों को समाप्त करेगा ।
श्री नितिन गडकरी ने इस निर्णय की सराहना की एवं मंत्रियों व अफसरों को अपील की कि वे स्वयं अपनी गाड़ियों से इन बत्तियों को निकाल दें।
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यदि हमें वास्तविक रूप से प्रगति करनी है तो हमें हमारे देश से ‘VIP’ कल्चर’ हटाना होगा वरना ऐसे अच्छी पहल का कोई उपयोग नहीं होगा। और यह प्रयत्न हम सभी को व्यक्तिगत रूप से करना होगा।