राष्ट्र की समृद्धि के लिए पुरुषार्थ द्वारा किया गया एक महा प्रयास ..

और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै

(जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।)
श्री हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए हमने हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा. लेकिन इस में एक विशेषता थी. यह एक व्यक्ति विशेष की अभिलाषा का फल पाने के लिए नहीं थी।  यह एक सामूहिक प्रयास था. इंदौर शहर में 135 स्थलों पर एक साथ दिनांक 27 मई 2017 को सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया गया. उद्देश्य था हमारी अभिलाषा कि भारत देश सर्व सपन्न हो कर एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाये.
हाँ, इसबार हम इस बात का पूरा खयाल रखेंगे कि यह सोने की चिड़िया हमेशा हरियाली और खुशियाली में चहकती रहे; इस बार विदेशी आक्रांता उसकी तरफ चाहत की दृष्टी भी न डाल पाएं। हमें पूरा विश्वास है कि जनसाधारण इस फल की प्राप्ति के लिए लालायित होंगे। हमारे इस विश्वास का कारण है कि इंदौर के जन समुदाय ने इस पहल का पूर्ण रूप से स्वागत किया है जो इस पाठ में शामिल 5704 पुरुषों व 2704 महिलाओं की उपस्थिति से स्पष्ट है।
इस पहल की सफलता का एक पहलू यह भी है कि इस सामूहिक समारोह को अपने अनूठे प्रयास के लिए इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स द्वारा पुरुस्कृत किया गया है।

इस सफलता से हमारा आत्मविश्वास और भी बढ़ा है और हमें पूरा भरोसा है की इंदौर का जन समुदाय हमारी हर पहल में हमारा साथ देगा।

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